सपना

काश सपना मेरा ये हकीकत हो जाए,
मैं बाहर और तू यूँही अंदर हो जाए,
रख कर बर्तन में तुमने मुझे बहुत सताया है,
अब तुमको भी सताने की कुछ खुरापात हो जाए,
खेले हो खेल तुम मुझे फंसाकर साहिब,
अब तुमको फांस कर भी एक खेला हो जाय, काश ये सपना मेरा हकीकत हो जाए तो कैसा हो जाए॥
राही (अंजाना)
लाजवाब।।।।।
धन्यवाद
behad sundar kavita
धन्यवाद जी
धन्यवाद
👏👏👏
Kya kehne
सुन्दर रचना