Categories: शेर-ओ-शायरी
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यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
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तेरे इश्क मे….
तेरे इश्क मे…….तेरे इश्क मे , तेरे इश्क मे बेबस हुए तेरे इश्क मे बेखुद हुए तेरे इश्क मे बेहद हुए दीवाने हम ! तेरे…
बहुत सुंदर
बहुत बहुत शुक्रिया मोहन जी🙏
बहुत ही बेहतरीन पंक्तियाँ हैं।
तेरी दुआओं को सलाम,
सरलता से कितनी सुन्दर बात कही है। बिंदास
हार्दिक आभार एवं धन्यवाद 🙏
इन प्रशंसा भरी समीक्षाओं से ही और
लेखन की प्रेरणा मिलती है।
बेहतरीन
शुक्रिया जी
शेर वही है जो सरल भाषा में, कम शब्दों में सब कुछ कह दे। रचना में दम है।
सुन्दर और प्रेरणादायक समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार 🙏
सुंदर
बहुत आभार सहित धन्यवाद आपका भाई जी 🙏
Very nice👍
शुक्रिया जी 🙏🙏
अतिसुन्दर
धन्यवाद सर 🙏
बहुत खूब
शुक्रिया कमला जी 🙏
Nice poem
Thank you Piyush ji 🙏
Bahut sundar
बहुत बहुत धन्यवाद जी 🙏