सलाम

तेरी दुआओं को सलाम,
तेरी वफाओं को सलाम।
तेरे दर से जो आई,
उन हवाओं को सलाम।

Related Articles

यादें

बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…

Responses

  1. बहुत ही बेहतरीन पंक्तियाँ हैं।
    तेरी दुआओं को सलाम,
    सरलता से कितनी सुन्दर बात कही है। बिंदास

    1. हार्दिक आभार एवं धन्यवाद 🙏
      इन प्रशंसा भरी समीक्षाओं से ही और
      लेखन की प्रेरणा मिलती है।

  2. शेर वही है जो सरल भाषा में, कम शब्दों में सब कुछ कह दे। रचना में दम है।

+

New Report

Close