Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
Related Articles
रहम करना ज़रा मौला
रहम करना ज़रा मौला, नमाजी हूँ तेरा मौला। तू ही तो मीत है मेरा, तू ही तो गीत है मेरा॥ किसी को गैर ना…
चल अम्बर अम्बर हो लें..
चल अम्बर अम्बर हो लें.. धरती की छाती खोलें.. ख्वाबों के बीज निकालें.. इन उम्मीदों में बो लें.. सागर की सतही बोलो.. कब शांत रहा…
मसरूफ़
यह सब बहाने ही हैं कि वक़्त नहीं। इतना भी मसरूफ़ कमबख़्त नहीं। मिला करो कभी कभार, जो हमसे करते हैं प्यार। इतना भी दिल…
कुछ बीते हुये दिन,कुछ अधूरे से वादें
कुछ बीते हुये वो दिन, कुछ भूली बिसरी यादें, कुछ पुराने से पलछिन, कुछ अधूरे से वादें ।। याद बहुत अाते हैं वो बीते हुए…
*हम भी अपना जीवन जी लें*
अपने जब बेगानों संग मिल, महफ़िल नई सजा लें हम भी फ़िर राह वो छोड़ें, मंज़िल नई बना लें पोंछ के अपनी आंख के आंसू,…
वाह
Nice line