Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
सफलता
सफलता ———– बुझ रहे हो दीयें सारे, ओट कर.. जलाए रखना। जल विहीन भूमि से भी, तुम…. निकाल लोगे जल.. विश्वास को बनाए रखना। अंधकार…
कविता : हौसला
हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार है हौसला विहान में बाल रवि का भास है नाउम्मीदी में है हौसला खिलती हुई एक कली हौसला ही…
मिस्टर लेट लतीफ
हरेक ऑफिस में कुछ सहकर्मी मिल हीं जाएंगे जो समय पर आ नहीं सकते। इन्हें आप चाहे लाख समझाईये पर इनके पास कोई ना कोई बहाना…
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