हिन्दी तो जीता जागता संसार है
हिन्दी में छंद हैं , अलंकार हैं | कवियों की कल्पना हैं, लेखकों के उद्गार हैं | दोहों की छटा है , रसों की भरमार है | कल्पना और यथार्थ है , नैतिकता भी अपार है | समाज का दर्पण है , भारत का श्र्रंगार है | कौन कहता है कि हिन्दी सिर्फ भाषा है , ये तो जीता जागता संसार है |
सुंदर
Thank you sir
हिंदी के बारे में बहुत सुंदर विचार ।
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं ।
Thank you very much mam
उत्तम
Thanks
बहुत अच्छी पंक्तियाँ लिखी हैं आपने, हिंदी दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
Thank you sir
बहुत सुंदर पंक्तियां
Thank you very much mam