है गुजारिश इतनी
है गुजारिश इतनी ही
के अब और ना रुलाओ तुम
किये जिन्दगी भर सितम
अब और ना सताओ तुम
नहीं हूँ पत्थर मैं
इन्सान की ही मूरत हूँ
जान कर बेजान
अब और ना ज़ुल्म ढाओ तुम
पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं
पत्थर से भी बद्तर मुझे
अब ना बनाओ तुम
इन्सान हूँ इन्सान की
तरह पेश आओ
अबला से दुर्गा मुझे ना
बनाओ तुम
है इतनी ही गुज़ारिश
मुझसे प्यार से पेश
आओ तुम।
Good
आभार आपका
Good
Thanx
Nice
Thanx
💞💞💞💞
😋😋😋
👌👌👌👌
Thanks
Good
Thanks
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Thanks
Great
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Thanks bhai
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