होली
होली
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रंग भरे ख्वाब से,
हाथ में गुलाल है।
श्याम रंग में भीगने को
राधा बेकरार है।
नटखट कान्हा तेरी
बांसुरी से प्यार है।
बांसुरी के स्वरों में
प्रेम का मनुहार है।
फूलों की डोली ,
रंगो की होली।
कितनी मधुर लागे
कान्हा प्रेम की बोली।
हाथ में गुलाल है,
मुख शर्म से लाल है।
बोलियां बतिया तेरी ,
बड़ी मजेदार है।
रसिक बड़ा छलिया है,
कान्हा तू मन बसिया है।
तेरे रंग में रंग गई में,
आज तो राधेकृष्णा बन गई मैं।
निमिषा सिंघल
जय राधे कृष्णा
🚩☀️💐🙏🙏
Nice
Dhanyavad
Good
😄😄
Wah
वाह वाह
🌺🌺🌺🌺🙏🙏
Nyc