ज़रा देखूँ तो सही
जरा देखूं तो सही
तुम्हारे दिल में उतर कर
दिल है अभी या दिल है ही नहीं
दिल है तो उसमें पत्थर हैं
या मांस के कुछ लोथड़े भी हैं
एहसास है या है ही नहीं
मैं हूं या हूं ही नहीं
या हृदय विहीन हो तुम
जो मुझसे प्यार नहीं
मेरा एहसास नहीं
कोई जज्बात नहीं
जरा देखूँ तो सही
तुम्हारे दिल में उतर कर
मैं हूं या मैं हूं ही नहीं।
यदि मैं हूँ तो अपने
एहसास छुपाते क्यूँ हो
भली महफिल में रूसवा
कर जाते क्यूँ हो।
जरा देखूँ तो सही
मै तुझे स्वीकार हूँ या
हूँ ही नहीं
तू गुनहगार है या
निर्दोष—–
ज़रा देखूं तो सही
Nice
थैंक्स
Nice
थैंक्स
Nyc
धन्यवाद
मार्मिक रचना
धन्यवाद
वाह बहुत सुंदर
थैंक्स
Good one
थैंक्स