Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
आँखों में अब आंसू छिपाना कितना मुश्किल है
आँखों में अब आंसू छिपाना कितना मुश्किल है जो रडकते है उनको बहाना कितना मुश्किल है !! साँसों पे लिख लिया तुझको मैंने आयत की…
पूर्णिमा का चांद
पूर्णिमा का चांद चमका है गगन में आज पूरा। चाँद चमका है तो मन कैसे रहेगा खुश अधूरा। चाँद पूरा मन भी पूरा, क्यों रहे…
मैं हूँ बेटियाँ
मैं हूँ बेटियाँ, मुझे सभी अपनों का, थोङा नहीं पूरा दुलार चाहिए, अपनी चाहतो को रंग देन, उमंगो के संग, उङने को पूरा आसमान चाहिए…
Good
Nice
🙏
बहुत बढ़िया सर