Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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बहुत बढ़िया श्रृंगार से भरी
Thank you
Very very nice lines
Thank yout ji
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद
बहुत सुन्दर कविता है सर, लयबद्धता और श्रृंगार से भरी हुई है।
“मुहब्बत का जल, और समझा था काजल” .. यमक़ अलंकार की सहज और सुन्दर प्रस्तुति आपकी लेखनी की विलक्षणता को दर्शाती है ।
आपकी लेखनी को अभिवादन है सतीश जी ..
इस बेहतरीन समीक्षा हेतु धन्यवाद शब्द भी नाकाफी है। आपके द्वारा किये गए उत्साहवर्धन हेतु सादर अभिवादन।
बहुत ही सुन्दर भाव से प्रेरित रचना है।
बहुत बहुत धन्यवाद
Beautiful
सादर धन्यवाद
Bahut khoob
सादर धन्यवाद जी
वाह वाह बहुत खूब पांडेय जी
बहुत धन्यवाद जी
बहुत सुंदर
आभार