आईना

देखता हूँ मैं जब भी आईना
महसूस करता हूँ,
कमी खुद मुझ में है
तुझको यूँ ही बदनाम करता हूँ।

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Responses

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति, स्वयं की कमी महसूस करना स्वयं को ठीक करने की ओर प्रथम कदम है।…. बहुत सुंदर

    1. बहुत सारा धन्यवाद, आपकी बहुमूल्य टिप्पणी और समीक्षा निश्चित तौर पर मार्गदर्शक है, सादर अभिवादन

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