आज भी जिन्दा हैं बापू जी
दुबले-पतले बापू जी
ऐनक पहने बापू जी
राष्ट्रपिता कहलाते सबकी
नोट पे रहते बापू जी
नमक आन्दोलन हो या फिर
असहयोग आन्दोलन हो
सबका नेतृत्व आगे बढ़कर
करते बापू जी
देश को किया आजाद और
लहराया जीत का परचम
हो कितनी भी कठिनाई पर
हर दम मुसकाते बापू जी
नहीं रहे इस दुनिया में
हम सबको छोड़ के चले गये
पर अपने कर्मों से देखो
हर भारतवासी के दिल में
आज भी जिन्दा हैं बापू जी….
बहुत सुंदर बालकविता
सुन्दर
कवि प्रज्ञा जी द्वारा रचित यह कविता भारत के मसीहा महात्मा गांधी पर प्रकाश डालती हुई एक सुंदर रचना है। केवल भारत देश को ही नहीं पूरे विश्व को नवीन मार्ग दिखाने वाले गांधी जी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने पूर्व में थे। कवियित्री ने उस कविता में गांधी जी के शारीरिक से लेकर उच्च चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालने में सफलता प्राप्त की है। सरल सुबोध भाषा कविता के कथ्य को प्रस्तुत करने सफल है।