इबादत

खुद पर न कर गरूर इतना
  खुदा भी नाराज़ हो जाएगा
इबादत है इश्क़ तो रब की
  की जो इबादत तो रब भी खुश हो जाएगा
बन जाएगा बिगड़ा काम भी
  जो तू इश्क़ से इश्क़ कर जाएगा
मेरा मुक्कदर तो नाराज़ है मुझसे
  पर तेरा तो दुआ से बन जाएगा
मेरा तो इश्क़ भी रूठा है पर रब भी
  पर तेरा तो मुक्कदर संवर जाएगा
इश्क़ खुदा है इश्क़ जन्नत है
  पा ले जो इसको इश्क़ की इबादत है
इश्क़ नूर है खुदा का
  न कर फिक्र तेरा इश्क़ तुझे मिल जाएगा
खुद पर न कर गरूर इतना
   खुदा भी नाराज़ हो जाएगा
  

Related Articles

Responses

+

New Report

Close