वजूद
लफ़्ज़ों की कमी थी आज शायद या रूह में होने वाले एहसास की 💐💐💐💐💐💐💐💐 नही पता मुझको कहानी तेरी शायद बस इतना जानती हूं कि वजूद को तेरे 💐💐💐💐💐💐💐💐 तूझसे ज्यादा जानती हूं शायद ख्वाबबगाह में जो बसता है वो 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 अलग सी खुमारी और कशिश शायद मेरे रोम रोम में बसी है जो 💐💐💐💐💐💐 कैसे बताऊं तुमको क्या रूमानी एहसास है वो कैसे यकीं दिलाऊं कितना रूमानी है वो 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 बिन फरेब कितना मासूम है वो किसी ख्वाबगाह का सरता... »