Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
लौट आओ अपने खेतों पर
लौट आओ अपने खेतों पर अब हरित क्रान्ति लिख देंगे। उजाड़ गौशाला को सजाकर अब श्वेत क्रान्ति लिख देंगे। फिर से नाम किसानों का लाल…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
ये पूस का महिना कैसे हम भूला देंगे
ये पूस का महिना कैसे हम भूला देंगे? सुना के कहानी बाल वीरों की सब को हम रुला देंगे। रात अंधेरी थी घनघोर नभ में…
यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
सुंदर रचना
शुक्रिया बहिन
जीवन साथी के साथ सुख-दुःख में सामान भागीदारी की प्रतिबद्धता को सुन्दर शब्दों में प्रस्तुत किया है
बहुत बहुत धन्यवाद व आभार
श्रीमान् जी का
संगिनी संग हो तो जीवन के सफर यों ही कट जाती है। रचना तारीफ़ ए काबिल है।
धन्यवाद जी
बिल्कुल! जीवन साथी के साथ सहनशील होना बहुत जरूरी है
बेहतरीन प्रस्तुति
धन्यवाद मान्यवर
बहुत सुंदर रचना sir
Bhut khub
जीवनसाथी के रिश्ते को प्रदर्शित करते हुए अति उत्तम रचना विनय जी