उम्र आधी काट लूँगा

सुख बटाया साथ मिलकर
दुःख भी तेरा बाँट लूँगा।
उम्र आधी कट गई है
उम्र आधी काट लूँगा।।
हर कदम पर साथ देंगे
हमने खाई थी कसम।
चल चुके हम साथ मिलकर
शेष अब है दो कदम।।
विष भरी है ज़िन्दगी
तो खुशी से चाट लूँगा।
सुख बटाया साथ मिलकर
दुख भी तेरा बाँट लूँगा।।
उम्र आधी कट गई है
उम्र आधी काट लूँगा।।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

यादें

बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…

Responses

  1. जीवन साथी के साथ सुख-दुःख में सामान भागीदारी की प्रतिबद्धता को सुन्दर शब्दों में प्रस्तुत किया है

  2. संगिनी संग हो तो जीवन के सफर यों ही कट जाती है। रचना तारीफ़ ए काबिल है।

  3. बिल्कुल! जीवन साथी के साथ सहनशील होना बहुत जरूरी है
    बेहतरीन प्रस्तुति

  4. जीवनसाथी के रिश्ते को प्रदर्शित करते हुए अति उत्तम रचना विनय जी

+

New Report

Close