एक ही सवाल हैं

कितना समझें तुमको ,
यह तुम ही बता दो,
एक ही सवाल है तुझसे जिन्दगी,
तू क्या है? और क्यों है ?
बता दो ,
ना एक पहेली है ,
ना एक आईना है ,
जो सुलझा सकूं तुझे,
या देख सकूं तुझे।
न जरिया है,
न दरिया है ,
न मौन है ,न शोर है,
बता दे तू कौन है?

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

ख्वाहिश

समझदार हो गर, तो फिर खुद ही समझो। बताने से समझे तो क्या फायदा है॥ जो हो ख़ैरियतमंद सच्चे हमारे, तो हालत हमारी ख़ुद ही…

Responses

  1. जिंदगी क्या है कुछ वक्त का एक कारवां है,
    जो चल पड़ता है किसी अनजान मंजिल को पाने के लिए

    समय के साथ साथ मंजिलें भी बदलती रहती हैं
    रास्ते बदलने पड़ते हैं इन मंजिलों तक जाने के लिए
    बचपन जवानी बुढ़ापा कुछ पड़ाव हैं जिंदगी के रास्ते में
    इन पड़ावों से गुजरना पड़ता है जिंदगी बिताने के लिए

    बहुत से साथी मिलते रहते हैं कुछ विछड़ भी जाते हैं
    मगर रुकना मना है बिछड़ों को वापिस लाने के लिए.
    रास्ते भर किसी एक सही साथी की दरकार रहती है
    वर्ना मंजिल पे भी कुछ नहीं बचता सिवा पछताने के लिए.

    बस जान लो कि ताउम्र सिर्फ चलते रहने से कुछ नहीं होता
    एक सही दिशा जरूरी है सही मंजिल तक जाने के लिए.

+

New Report

Close