Categories: शेर-ओ-शायरी
anupriya sharma
Hello!
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
रिश्ते
सब रंगो का मेल होते है दुःख सुख में साथ होते है बुरे हो या अच्छे रिश्ते तो रिश्ते होते है रिश्तो के भी कई…
कविता:- अक्सर भूल जाता हूं मैं!!
वो दूसरों की गलती वो दूसरों पर एहसान चाहे मिले बेइज़्जती या मिले सम्मान वो दर्द का आलम वो प्रेमिका की बेवफाई वो उससे मिला…
एक राह अक्सर चलोगे
एक राह अक्सर चलोगे मिले न मिले तुम याद अक्सर करोगे, हम गुमसुम बैठे अगर तुम बात अक्सर करोगे , नुमाइश होगी कुछ अगर पूछ…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
bht khoob
thank u ankit
nice
thanks
वाह बहुत सुंदर रचना
बहुत खूब