कविता – रक्षा का वादा |

कविता – रक्षा का वादा |
राखी का धागा भाई का बहना को रक्षा का वादा |
रहेगा अजर अमर प्यार भाई बहन का जियादा |
फूलो कली नाजो से पली बहना सबका दुलार है |
खुश रहे ताउम्र रंगो भरा हो जीवन न हो सादा |
आया कोरोना राखी का त्योहार आया आऊ कैसे |
भेजा संग राखी सेनेटाइजर मास्क का लिफाफा |
प्यार और दुलार के अलावा तुझे और मै क्या दूँ |
नजर न लगे खुशियो तेरी किसी इक्षा है खासा |
आए हर बरस ये त्योहार राखी का संग तू आए |
न तू मुझको भूले न मै यही हम दोनों रहे इरादा |
तिलक चंदन लगा दे कलाई मेरी राखी तू सजा दे |
आरती उतार तू मेरी और मै न रहे पास निरासा |
मिठाई जैसी मीठी तेरी जिंदगी संग तेरा सुहागा |
तू कहे न कहे तेरा दुख मै जान लूँगा सुन बहना |
जब भी पड़े जरूरत मेरी भाई भारती पास आजा |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

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