काव्य-गोष्ठी

काव्य-गोष्ठी का हुआ,
कार्यक्रम, शानदार
सावन का धन्यवाद है,
आयोजन किया है पहली बार
सावन कवि सतीश जी ने,
लिया संचालक भार
कविताओं की गूंज उठी मधुर झंकार
सभा सजी सहज सुंदर
बज उठे सितार..

*****✍️गीता

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Responses

  1. वाह वाह आपने काव्यगोष्ठी के सुन्दर आयोजन पर इस कविता के माध्यम से चार चांद लगा दिए। सुन्दर अनुप्रासिक अलंकार की छठा से ओतप्रोत इन पंक्तियों हेतु आप धन्यवाद की पात्र हैं। ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का कार्यक्रम बहुत ही शानदार था, आपने भी बहुत ही सुन्दर कविता सुनाई, समाचार पत्रों में भी सावन और कवि छा गये थे।

    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका सतीश जी ।आपकी समीक्षाएं तो सदैव ही मेरा मार्ग दर्शन करती हैं और बहुत ही सुन्दर व प्रेरणादायक होती हैं
      हार्दिक धन्यवाद सर 🙏 । मैने सोचा कि काव्य गोष्ठी आयोजित हुई इतना सुंदर कार्यक्रम था तो सहज ही मन के भाव कविता रूप में ढल गए ।

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