” किया गुनाह क्या “
साँसे चल रही हैँ , बिन उसके..
आने वाला , जीने में मज़ा क्या…
चाह लिया उसे , उसकी इजाज़त के बगैर …..
इसमें किया गुनाह क्या ….
मोहब्त हैं उनसे , तभी मांगती हैं निगाहें दीदार ….
वो ही आकर बताएं …
इसमें क़ुसूर – ए – निग़ाह क्या ..
पंकजोम ” प्रेम “
good one.. 🙂
koi bhi kusur nahi he ji
Tbhi pucha anjali ji…..
इसमें क़ुसूर – ए – निग़ाह क्या ……….bht khoob
Sukkriya broo…
Bahut khoob
Tnxxx pnna bhai..
मोहब्त हैं उनसे , तभी मांगती हैं निगाहें दीदार ….
Waah waah
भावपूर्ण पंक्ति