Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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कोरे मेरे,सपने मेरे…..
कोरे मेरे, सपने मेरे, कोरे ही रह जाएंगे….२ उम्मीदें देंगी,दस्तक उन तक, उम्मीदें ही रह जाएंगी…. कोरे मेरे, सपने मेरे, कोरे ही रह जाएंगे…२ शामें…
ऑफिस(Office) की दुनिया
ऑफिस(Office) की दुनिया आओ सुनाऊं आपको बीते हुए पलों की, कुछ खट्टी, कुछ मीठी दास्तां, कुछ मेरी, कुछ आपकी बात करते है, चलो कुछ बीते…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दीप ऐसा जलाओ
दीप ऐसा जलाओ ************************ *********************** दीप ऐसा जलाओ ऐ दिलबर हर तरफ रौशनी -रौशनी हो। न अमावस की हो रात काली हर निशा चांदनी -चांदनी…
नया वर्ष सबके जीवन में बहुत खुशियां लाए । यही उम्मीद है
All will be good
आशा है कि नव वर्ष सबके जीवन खुशीयाँ लेकर आएँ
वाह वाह