Categories: मुक्तक
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अंधेर नगरी
अंधेर नगरी को उजाला करने आये हैं, दीप जलाकर अंधेरा मिटाने आये हैं। एक दीप जलाकर आओ मेरे साथ मित्र, अंधेर नगरी को स्वर्ग की…
योग दिवश पर विशेष
योग के अलौकिक गुणों के माध्यम से कोरोना को दें मात रोगी के शरीर को योग के माध्यम से धीरे धीरे रोग मुक्त कर दें…
यह कौन लोग का हुजूम है?
भारत की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर सिंघु और टिकरी में यह कौन लोग का हुजूम है? देखो देखो यह लोग और कोई नहीं हमारे देश…
मालिक सभी को सुनते है
एक बार अकबर बादशाह को प्यास लगी। वह अपनी प्यास बुझाने के लिए एक फकीर के झोंपड़ी के निकट गया। जब उसने आवाज लगाई तो…
Nice
👏
हम्म