कड़वा भी पीजिये

कभी-कभी
हमारी बात पर भी गौर कीजिए,
मीठे के साथ- साथ में
कड़वा भी पीजिये।
अंगूर, सेब, आम सब
आम बात है,
पंचरत्न नीम का भी
स्वाद लीजिये।
सूखा पड़े न वक्ष पर
अश्कों से सींचिये,
सही गलत के बीच में
रेखाएं खींचिये।
मीठे में व्याधियां हैं
कड़वे में है दवाई
कड़वे ने आज तक
कई व्याधियां मिटाई।
कड़वे से नफ़रतें हैं
मीठे से प्यार जग को
रक्षक है तन का कड़वा
यह भान है न जग को।
कड़वे वचन भले ही
लगते बुरे हमें हैं,
लेकिन सही दिशाएं
देते वही हमें हैं।
कभी-कभी
हमारी बात पर भी गौर कीजिए,
मीठे के साथ- साथ में
कड़वा भी पीजिये।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. कड़वे वचन भले ही लगते हमे बुरे हैं
    लेकिन सही दिशाएं देते वही हमें हैं
    अति सुंदर अभिव्यक्ति

+

New Report

Close