गांधी मशाल
जिनके एक आवाहन पर सबने अपने हाथ उठाये थे,
कदम-कदम पर अंग्रेजी शासन के छक्के साथ छुड़ाए थे,
जिनके कहने पर अस्त्र वस्त्र सब मिलकर साथ जलाये थे,
सत्य-अहिंसा के अचूक तब शस्त्र सशक्त उठाये थे,
सच की ताकत के आगे जब तोपो के रंग उड़ाए थे,
गांधी मशाल ले हाथ सभी ने विदेशी दूर भगाए थे,
सत्याग्रह की आग लिए जब मौन रक्त बहाये थे,
मानवता और अधिकारों का खुल कर बोध कराये थे,
डांडी यात्रा में गांधी जी जब समुद्र किनारे आये थे,
जाति धर्म के तोड़ के बन्धन जन पीछे-पीछे आये थे,
पोरबन्दर में जन्म लिया पर हर मनमन्दर पे छाए थे,
दुबले पतले थे पर बापू देखो वीर कहाये थे,
ब्रिटिश राज को ध्वस्त किये और आजादी के रंग दिलाये थे,
यूँही भारत माँ के आँचल पर बापू ने पुष्प चढ़ाये थे।।
राही (अंजाना)
Waah
धन्यवाद
बढ़िया रचना
धन्यवाद
Great
धन्यवाद
Wah
धन्यवाद
Nice
धन्यवाद
Waah Bahut Khoob..rahi Ji
धन्यवाद
Wah kya baat hai
धन्यवाद
Nice poem Rahi Anjana ji
धन्यवाद
Nice
धन्यवाद
Very Very Nice
धन्यवाद
गाँधी जी की जीवन गाथा का सही विश्लेषण
Very very nice
Nice
Beautifull lines and good words…i have ever seen..
Nice poetry👌
Bht sunder
Nice poem sir
Good poem
Wahh
शानदार जानदार बेमिसाल
✌✌✌✌