Categories: शेर-ओ-शायरी
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कुछ बीते पलों की बात थी
कुछ बीते पलों की बात थी उनसे हुई पहली मुलाकात थी रुक तो गया था वह शमां क्योंकि झुकी हुई पलकों की वो पहली शुरुआत…
हम उन लम्हों
हम उन लम्हों की याद को जेहन में यु संजोये बैठे है रहकर भी दूर जैसे आँखों में बसता है कोई उन लम्हों की सांसें…
पपीहे की आस(कहानी)
पपीहे की आस जैसी खुशी बच्चे के पैदा होने पर होती हैं ,शायद उससे भी ज्यादा खुशी किसान को बारिश होने पर होती हैं यही…
मुझको बचाओ मुझको पढ़ाओ
कन्या बचाओ खुद कन्या कहती है- मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ, सपना नहीं अब हकीकत बनाओ, बेटा और बेटी का फर्क मिटाओ, बेटी बचाओ अब…
याद है आज भी वो दिन
याद है आज भी वो दिन जब किताब के बीच कोई फूल दबा देते थे और खाली लम्हों को उस सूखे फूल से महकाया करते…
Good
Thanks
Thanks
Good one
Thanks
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Good
आभार पूनम जी
वाह
धन्यवाद
Good