गुरु शिष्य
नटखट नन्हेचुलबुल पांडे ,
भोली बातों से जो रिझाते ,अक ड दिखा के डर से भोले बन जाते।
डांटने वाले आंखें दिखाते मन ही मन मंद मंद मुस्कुराते,
और कभी हंसी रोकते रोकते फट पड़ती हंसी के ठहाके लगाते ।
बेहद प्यारे चटपटे करारे पटाखे। गाल है जैसे फूल ऐसे गुब्बारे
लाड़ लड़ाते अपना बनाते शहद में डुबोकर बातें बनाते नन्ही नन्ही छोटी मोटी लड़ाई बात-बात में जो अकड़ दिखाई ।
दिनभर फैसलों में बीत जाता समय जब गुरु के समक्ष अदालत लगाते ।
मीठी सी झीड़की जो बस डर ही जाते,
तुरंत आपस में हाथ मिलाते सॉरी मैम कहकर आंखे झुकाते।
बेहद ही प्यारी नहीं कोई जोड,
गुरु शिष्य की जोड़ी बड़ी
निमिषा सिंघल
Good
Thanks
Nice
Thanks
वाह बहुत सुंदर
Thanks
U r so good
Thanks
Thanks
क्या लिखा है
Ye bat
Thanks
kya bat h
,😀
😀😀
😀
Very nice
वह