Categories: मुक्तक
Related Articles
गैया तुम तो मैया हो
गैया तुम तो मैया हो है दूध अमृत तुम्हारा जीने एक सहारा जिससे पोषित होता है मन और शरीर हमारा। हर तरह काम आती हो…
नादान बचपन:-कहाँ गई वो गुड़िया
याद आती हैं वो बचपन की बातें जब पापा के हाथों से चोटी करवाती थी। माँ लोरी गाकर सुलाती थी। कहाँ गई वो बचपन गुड़िया…
साँवला सलोना
साँवला सलोना चला, माखन चुराने को। मैया ने देख लिया, रंगे हाथ गिरधारी को। कान पकड़ के मैया, कहती हैं नंद से। क्यों चुराए है…
कवन मैया गोर बाड़ी
भोजपुरी देवी:- कवन मैया गोर बाड़ी गीत कवन मैया गोर बाड़ी हमका पता ना कवन मैया गोर बाड़ी। निमिया के डाल पर झूला पर बा…
माखन खाते पकड़े गए कन्हाई
यशोदा पूछ रही कान्हा से, “लल्ला, मटकी से रोज़ – रोज़ माखन कौन चुराता है”। लाड लड़ा के बोले कान्हा, डाल के गलबैयां मां के,…
Good
👏
वाह