छह मास हो गए
छह मास हो गए
पिताजी को गए,
छठा मासिक श्राद्ध भी
आज हो गया,
दिन बीतते से जा रहे हैं,
सब कुछ कहीं
खो गया।
जाने कहाँ
चले जाती है आत्मा,
कहाँ विलीन हो जाती है,
आत्मा,
क्या उसके बाद भी कुछ सच है
या वही अंतिम पथ है,
जो भी है
कुछ तो है।
जहां भी गई वो
पवित्र आत्मा
वहां सुखी रहे,
हमारे ऊपर
अपनी कृपा दृष्टि
रखी रहे।
Sunder
धन्यवाद
अभिधा शब्द शक्ति, भावपूर्ण सुन्दर प्रस्तुति
धन्यवाद
Heart touching
सादर अभिवादन, धन्यवाद
मार्मिक
आभार