Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
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हाय रे चीन
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Waah
धन्यवाद
इसे कहते हैं गागर में सागर भरना
धन्यवाद
super से भी ऊपर
🙏
सही बात
🙏🙏
Wah
धन्यवाद
👌👌
🙏🙏
Good
वाह!वाह!