जिसे सर झुकाने की आदत नहीं है

जिसे सर झुकाने की आदत नहीं है
उसे हर बशर से मोहब्बत नहीं है

दुःखा दिल किसी का ख़ुशी मैं मनाऊँ
मेरे दिल की ऐसी तो फ़ितरत नहीं है

वो अपने किए पर पशेमां बहुत है
नज़र भी मिलाने की हिम्मत नहीं है

बहा आई दरिया में लख़्त ए जिगर को
ज़माने से लड़ने की ताक़त नहीं है

समझ आ चुका है ये रिश्तों का मतलब
किसी आसरे की ज़रूरत नहीं है

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का

आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी…

नज़र ..

प्रेम  होता  दिलों  से  है फंसती  नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…

Responses

+

New Report

Close