जीवनदायनी वसुंधरा

तू ममतामयी तू जगजननी रहे आँचल तेरा हरा-भरा l
तू पालक है प्राणी मात्र की, हे जीवनदायनी वसुंधरा l
यह रज जो तेरे दामन की, लगती है शीतल चंदन सी,
तू उपासना की पाक ज्योति, तू पावन आरती-वंदन सी ,
तू माँ की ममता सी कोमल तू चाँद-सूरज सी मर्यादित,
तू चेतना की अभिप्राय, कोटि जीवन तुझ पर आश्रित,
तेरा ही ममता का ऋणी है इस सृष्टि का कतरा-कतरा l
तू पालक है प्राणी मात्र की, हे जीवनदायनी वसुंधरा l

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

पुनर्विवाह (Part -2)

पुनर्विवाह (Part -2) विवाह संस्कार अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हैं, किसी भी महिला के लिए विधवा होने के दर्द से बड़ा दर्द, दुनिया में…

पुनर्विवाह (Part -1)

पुनर्विवाह (Part -1) अटूट विश्वास और समर्पण का ही दूसरा नाम है शादी, लेकिन नियति पर किसी का वश नहीं होता। कई बार बीच राह…

Responses

+

New Report

Close