Categories: शेर-ओ-शायरी
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यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
सोचा था जो वो पुरा ना हो सका
सोचा था जो वो पुरा ना हो सका बदलते हालात को देख मैं अपना ना हो सका आंखों के आंसूओं को मैं अपने पोंछ ना…
जवां धडकनो को धड़कने दो यारों
//ग़ज़ल// जवां धडकनो को धड़कने दो यारों। जरा आशिकी औऱ बढ़ने दो यारों।१ महकता रहे गुल चमन प्यार का ही, फि़जा रुत सुहानी बहकने दो…
यकीं तुझे दिला न सका
तुझे पाकर भी मैं पा न सका। तेरे दिल में जगह बना न सका। सोचता हमारे बीच कोई ना होगा, जहां से अपना प्यार बचा…
मेरे गाँव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर [प्रथम भाग】
इस सृष्टि में कोई भी वस्तु बिना कीमत के नहीं आती, विकास भी नहीं। अभी कुछ दिन पहले एक पारिवारिक उत्सव में शरीक होने के…
Good
Nice
सुन्दर
सही है