जीवन सफर

खुशियां कई तरह की
गम भी कई तरह के
जीवन सफर निराला
साथी कई तरह के।
चलते चली है गाड़ी
कोई तो चढ़ रहा है
कोई उतर रहा है
राही कई तरह के।
कोई स्नेह करता
कोई बनाता दूरी
जीवन सफर में दोनों
जीने को हैं जरूरी।
सुई भी काम आती
सब्बल भी जरूरी
सारे महत्त्व के हैं
जीवन में हैं जरूरी ।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

  1. यही ज़िंदगी की सच्चाई है सतीशजी। सुंदर अभिव्यक्ति।

    सतीशजी बताना चाहूंगी कि मेरा पहला कविता संग्रह नीचे दिए गए लिंक पर उपलब्ध है। आपकी प्रतिक्रिया और प्रोत्साहन वांछित है।

    https://shop.storymirror.com/%20diary-ke-panne/p/16se70l75kbi4dpyh

    1. स्वागत, सादर नमस्कार। प्रथम काव्य संग्रह की तहे दिल से हार्दिक शुभकामनाएं। आपकी काव्य प्रतिभा निरंतर ऊंचाइयों को छुए यह दुआ करता हूँ।

  2. वाह सर,”कोई तो चढ़ रहा है,कोई उतर रहा है….कोई स्नेह करता कोई बनाता दूरी” जीवन रूपी गाड़ी में चढ़ना ,उतरना और मन में चढ़ना , मन से उतरना दोनों ही अर्थ बहुत ख़ूबसूरती से बताए गए हैं।इतनी सुन्दर कविता आपकी लेखनी की विलक्षण प्रतिभा को दर्शाती है। अद्भुत लेखन

    1. इस सुंदर समीक्षा हेतु आपको हार्दिक धन्यवाद। यह समीक्षा प्रेरक और उत्साहवर्धक है। सादर अभिवादन।

+

New Report

Close