Categories: शेर-ओ-शायरी
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कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
” किस्सा–कुर्सी — का “
व्यंग्य गीत ———– अनुपम त्रिपाठी ” किस्सा–कुर्सी — का ” बचपन में किस्सों में कुर्सियों की बातें सुनते थे।आजकल कुर्सियों के किस्से आम हैं ।…
मत बर्बाद कर ए मेरे दोस्त नर तन
मत बर्बाद कर ए मेरे दोस्त नर तन बड़े ही जतन से मिले है ये मानुष-जन्म। कर ले दान-धर्म, दीन-दुःखी की सेवा कर । व्यर्थ…
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती
दोस्तों, फ्रेंड्स तो सबके होते है, मेरे भी है और आपके भी होंगे, परन्तु एक अच्छा और सच्चा मित्र किस्मत वालों को ही मिलता है।…
वाह
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धन्यवाद
सुंदर
धन्यवाद
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धन्यवाद
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धन्यवाद
Good
धन्यवाद
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धन्यवाद
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धन्यवास
सच
धन्य
वाह
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