Categories: शेर-ओ-शायरी
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मां तूं दुनिया मेरी
हरदम शिकायत तूं मुझे माना करती कहां निमकी-खोरमा छिपा के रखती कहां भाई से ही स्नेह मन में तेरे यहां रह के भी तूं रहती…
प्रधानमंत्री जी नरेंद्र मोदी जी की 69 वे जन्मदिवस पर कविता
आसमान में उगता सूरज दिखता है , स्वर्णिम भारत का सपना, फिर सच्चा होता दिखता है। हुकुमत शाही अफसरों ने त्यागी, कर्म योग की अब…
ज्यादा नहीं मुझे तो बस………..
ज्यादा नहीं मुझे तो बस एक सच्चा इंसान बना दे तूँ । एक बार नहीं चाहे हर बार सच में हर बार बना दे…
रात तूं कहां रह जाती
अकसर ये ख्याल उठते जेहन में रात तूं किधर ठहर जाती पलक बिछाए दिवस तेरे लिए तूं इतनी देर से क्यूं आती।। थक गये सब…
जिंदगी में मेरी एक अपनापन है आज़कल….
जिंदगी में मेरी एक अपनापन है आज़कल जेब में भले ही गोपाल ठन–ठन है आज़कल। साथ देने को कोई दूसरा साथ में नहीं…
bahut khub
धन्यवाद
सी
🙏
Nice…..🤔
Thank you 🙏
आजकल के इंसान का बहुत सुंदर चित्रण
Thank you sir
Nice
Thank you so much
सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद सर
Nice
बहुत बहुत आभार सर
Super!!!✌❤
Thank you
बेहतरीन
हार्दिक धन्यवाद
बहोत सुंदर लिखा है 👌👌👌💐
धन्यवाद