तक़दीर

सागर किनारे रेत पर फेरी उँगलियाँ,
देखा जो गौर से बन गई तस्वीर तेरी।
ख्वाब से हकीकत में ले आई मुझे,
एक लहर बहा ले गई तक़दीर मेरी।

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