तारीफ न सही
तारीफ़ न सही तो
आलोचना ही कर दिया करो,
गर हो गये हो गूंगे तो
इशारा ही कर दिया करो।
सयाने बनकर देखते हो
तुम चलन सारे जमाने का …
गर चुप ही रहना है
तो निगाहें नीची कर लिया करो।
तारीफ़ न सही तो
आलोचना ही कर दिया करो,
गर हो गये हो गूंगे तो
इशारा ही कर दिया करो।
सयाने बनकर देखते हो
तुम चलन सारे जमाने का …
गर चुप ही रहना है
तो निगाहें नीची कर लिया करो।
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अति सुन्दर रचना
धन्यवाद आपका
वाह
थैंक्स
अतिसुंदर अभिव्यक्ति