दर्द का जो स्वाद है
दर्द का जो स्वाद है,
उससे दिल आबाद है,
मुफ्त है जग में,
खुदगर्जीया !
मक्कारियां सरेआम है,
दर्द का जो स्वाद है,
उससे दिल आबाद है।
मदहोशियों का माहौल हैं
बहरूपियों की यहां फौज हैं,
पराया यहां,
किस -किस को कहें,
अपनों की जरा खोज है,
बैचेनियां, तन्हाईयां,
बदनामियां!
आजाद हैं,
दर्द का जो स्वाद है,
उससे दिल आबाद है।
लाजवाब✍✍✍ 👌👌👌
बहुत खूब
Nice
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏