Categories: लघुकथा
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(लेख) नारी
आज नारी के पास क्या नहीं है। फिर भी पुरुष उसे अपनों से कमजोर ही समझ रहे है।जबकि,आज हमारी सरकार नारी के प्रति तरह तरह…
इंसान कहाँ मानते हो तुम
नहीं सोंचा था हमनें इतना बैर मानते हो तुम हम छिड़कते हैं जान तुम पर और मुझे गैर मानते हो तुम दूरियों से प्यार बढ़ता…
बढ़ता ही जा रहा
क्यूँ बारम्बार किया जाता महिलाओं के साथ घृणित अपराध, कयी तरह की वेदना-संताप से गुजरती,जिनसे होता बलात्कार । हर कानून बौना सावित, हर जायज कोशिश…
कविता- तेरी महिमा न्यारी
महिला दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए | कविता- तेरी महिमा न्यारी हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी | प्यार द्या दान…
नारी सब पर भारी
सत्य है नारी, सब पर है भारी। अब मलेरिया को ही देख लो, नर एनाफिलीज की, नहीं है औकात। ये तो है मादा एनाफिलीज की…
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laajabaab