दिल्ली
हॉस्पिटलों का शहर है दिल्ली फिर इतने बीमार क्यों
जनसँख्या बिखरी हमारी इमारतों का वहीँ भंडार क्यों
यात्रायें चलती रहती आवागमन कभी थमता नहीं
आमदनी का श्रोत बनी जनता ही हर जगह तो नहीं
साजिशों का कैसा दौर है जिसमें परेशां है हर कोई
लक्ष्मी भण्डार बन रहा किसी का घर बैठे बैठे ही
स्वास्थ्य की खातिर लम्बी यात्रा कर लुटाते सब कुछ
फिर भी हाथ मल कर रह जाते पास आ पाता न कुछ
महामारी ने दिखलाया है स्वास्थ्य व्यवस्था का ढांचा
डॉक्टर भी नहीं सुरक्षित मरीज जाने की हिम्मत जुटाता
अतिसुन्दर
Atisunder
यथार्थ परक
Nice
✍👌👌👌
दिल्ली के बारे में सटीक चित्रण।
दिलवालों की दिल्ली अब बीमारों की दिल्ली हो गई।