देव-दिवाली
कार्तिक पूर्णिमा की
देव-दिवाली आई है
काशी में ख़ुशियां छाई हैं
ज्योति-पर्व है देवों का,
ये देवों की दिवाली है
काशी के गंगा-घाट पर,
सुर दीप जलाते हैं आकर
स्वर्ग-लोक में छाई खुशहाली है
आज देवों की दिवाली है
शिव-शंकर ने आज के दिन,
त्रिपुरासुर नामक असुर का संहार किया
देवों का उद्धार किया
इसी खुशी में सारे सुर मिलकर
देव-दिवाली मनाते हैं
गीत खुशी के गाते हैं
गंगा-घाट पर जगमग दीपों की माला है
यहां चारों ओर उजाला है
हर मन्दिर है दीपों से रौशन,
उज्ज्वल छटा निराली है
आज देवों की दिवाली है
*****✍️गीता
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
बेहद भक्तिपूर्ण अभिव्यक्ति एवं देव दीवाली की शुभ कामनाएं
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी आपको भी देव दिवाली की बहुत सारी शुभ कामनाएं