Categories: Other
Related Articles
सड़क के उस पार दीवाली
दीवाली के दीप सजाने, जब आई मैं घर के द्वार तो मैंने देखा सड़क के उस पार, एक कुटिया में दो दीए टिमटिमा रहे थे…
प्रार्थना
प्रिय 2020 तेरी विदाई में अब क्या शब्द कहूं, हंगामेदार मौजूदगी की बातें किस मुंह से कहूं। कभी सुना और सोचा भी नहीं वो सब…
गजल- भूख के मारे हुये है |
गजल- भूख के मारे हुये है | भूख ले आई शहर हम भूख के मारे हुये है | छोड़ चले शहर को हम भूख के…
भूख
भूख जब आती है तन मन में हलचल मचाती है भूख को जिंदा रखने के लिए दुनिया क्या क्या नहीं खाती भूख जब भूखी रह…
घर
“घर” मन की बातें साझा करने, आज कलम फिर चहक उठी। कागज़ ले जब लिखने बैठी, घर की यादें फिर महक उठीं। हर चोट बड़ी…
Nice
Nyc
Nice
गुड