Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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तुम्हें क्या कहूँ
तुम्हें चांद कहूं, नहीं, तुम उससे भी हंसीन हो। तुम्हें फूल कहूं, नहीं, तुम उससे भी कमसीन हो। तुम्हें नूर कहूं, नहीं, तुम उससे ज्यादा…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
आर्यन के जीवन की एक यादगार घटना *
*आर्यन सिंह ” शनि भैया ” के जीवन की एक खास घटना * जब वह अपने प्रिय वेदांताचार्य स्वामी आधार चैतन्य से मिले .* आर्यन…
O raina tujhe mai kya kahu
ओ रैना, तुझे मैं क्या कहूं? रात कहूं, रैना कहूं या निशा कहूं, मिलता है दिल को सुकून, साये में तेरे, मिट जाती है सारी…
आओ पृथ्वी दिवस मनाऍं
अन्न एवम् जल प्रदान करने वाली, वसुन्धरा को नमन्। पृथ्वी के संरक्षण हेतु, आओ उठाऍं कुछ कदम। पृथ्वी पर पवन हो रही अशुद्ध, आओ वृक्ष…
अतिसुंदर भाव
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
नि:स्वार्थ प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति