मेरी कल्पना
जी करता है कागज में तस्वीर तेरी ऊतार दूं , दिल के किसी कोने का राज उसमें उकेर दूं | ख़्वाब में था जो, हकीकत में उसे देख रहा हूं , खुद पे नहीं अंकुश, मन विचलित कर जाता हूं | कल्पना थी कि कोई मुझसे भी प्रेम करे , इस टूटे हुए दिल का हाल मुझसे पूछ पड़े | इंतजार में अखियां जन्मों से तरसी हुई हैं , चेहरा है सामने पर सवाल अब भी वही है | जिस तरह राधा, कृष्ण की दीवानी थी कभी , तुम भी अपने इस कृष्ण में आज स... »