पर्यावरण को है सजाना
मानव जाति पर प्रहार करते
नित नए रोगों को देखो
किस तरह बर्बाद करने
पर तुले हैं जिंदगी को।
झकझोर करके रख दिये हैं
सैकड़ों परिवार देखो
ला खड़ा करके सड़क पर
रख दिया है जिंदगी को।
रोग जो यह आ रहे हैं
जिंदगी पर काल बनकर
प्रकृति से छेड़छाड़ ही है,
इन सभी का मूल कारण।
इसलिए पर्यावरण पर
ध्यान देना है जरुरी,
पर्यावरण में संतुलन हो
ध्यान देना है जरुरी।
पेड़ – पौधों को न काटो,
बल्कि खाली भूमि पर
विकसित करो तुम जंगलों को
हरियाली सजा दो भूमि पर।
जीव जो हैं जंगलों के
जिंदगी जीने दो उनको
मार कर खाओगे यदि
रोगों से मारोगे स्वयं को।
चीन चमगादड़ चबाकर
किस तरह संसार को
ले गया है मौत के मुंह तक
स्वयं ही देख लो।
इसलिए होकर सजग
पर्यावरण को है सजाना,
स्वच्छ रख प्रकृति को
इस जिंदगी को है बचाना।
——– डॉ. सतीश पांडेय
आनंद आ गया, सच को सामने लाती कविता।
धन्यवाद जी
,, बहुत ही सराहनीय
सादर धन्यवाद
nice
सादर धन्यवाद
सुंदर, प्रासंगिक रचना
धन्यवाद जी
Very nice
धन्यवाद जी
पर्यावरण की रक्षा को बेहतरीन संदेश
धन्यवाद
Atisunder
सादर धन्यवाद
bahut khoob
सादर धन्यवाद