बारिश

मौसम ए साजिश का है,
ये मौसम बारिश का है,
किसी को इंतज़ार रहता है,
बारिश में भीगने का,
एहसास,अच्छा होता है।
हवाओं में वो सुकून होता है,
ये मुहब्बत का सुरूर होता है।
दिल ये मगरूर होता है,
आशिकों का नूर होता है,
ख्वाबों का जुनून होता है।
जब मौसम बारिश का होता है.
मन में बहार होता है,
खेत में अनाज होता है,
बारिश में जो हाल होता है,
सबको वो याद होता है।
दिल में एक सवाल होता है,
कि कैसे ये बरसात होता है।

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Responses

  1. बरसात की भावपूर्ण अभिव्यक्ति की गयी है,
    वाक्यांत “है” का प्रयोग कलागत सुंदरता बढ़ा रहा है,
    आनंद की अनुभूति कराती कविता

    1. यह समीक्षा और आलोचना की सही दिशा है,
      यदि वर्तनीगत अशुद्धियों के साथ साथ कलापक्ष व् भाव पक्ष पर विश्लेषण किया जाए तो सही दिशा रहेगी,

  2. मौसम-ए-साजिश या मौसम ये साजिश का है?
    भावपक्ष प्रधान होने के कारण उम्दा रचना

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