बिरह भक्ति गीत- मेरे श्याम सावरिया |
बिरह भक्ति गीत- मेरे श्याम सावरिया |
चुराकर दिल मेरा मुझे दीवाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
सुनाकर मीठी बाते मुझे अपना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
नैनो मे बसकर चल दिये कहा चुपके चुपके |
तेरे बिना राधा रोये सबसे छुप छुपके |
करके जुदा मुझे खुद से बेगाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
जब पास होते थे मीठी मुरली सुनाते थे |
आओ प्यारी राधा आओ मुझको बुलाते थे |
छोड़ गए छलिया मुझको अंजाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
रोती है कीतनी राधा सुनो निष्ठुर निर्मोही |
याद मे तेरी भटकूँ मै पगली खोई खोई |
प्यार मे अपने दुशमन जमाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
बहती है यमुना एक गोकुल तीरे तीरे |
दूजे बहे यमुना धार राधा नैन धीरे धीरे |
मै बावरी को मरने का बहाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
अब ना आओगे कान्हा राधा नहीं पाओगे |
मनमोहिनी मुरली श्याम किसको सुनाओगे |
प्यार मे तेरे तड़पूँ गोरी को खिलौना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286
बहुत खूब
जय श्री राधे कृषणा
राधा जी और कान्हा जी पर बहुत सुंदर विरह गीत
हार्दिक आभार जय श्री राधे कृष्णा
यह कवि भारती जी द्वारा रचित बहुत सुंदर विरह गीत है। विरह इस कविता का मूल विषय भाव है । संयोग हो या वियोग, प्रकृति वर्णन तो अवश्यम्भावी है, जिसमें कवि ने लिखा है –
“बहती है यमुना एक गोकुल तीरे तीरे |”
—– मूलतः कविता भावजन्य गीत-कृति है अतः कलापक्ष सहज ही सज गया है और कलात्मक गुणों से सुसज्जित है, प्रभावी है| भाषा सरल-सरल साहित्यिक हिन्दी है। बहुत सुंदर रचना।
वाह वाह पांडेय जी बहुत ही सुंदर समीक्षा | मन प्रसन्न हुआ | उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आपका पाण्डेय जी | जय श्री राधे कृष्णा
बहुत सुंदर 👌👌👌
हार्दिक आभार आपका जय श्री राधे कृष्णा