Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: संपादक की पसंद
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प्रेम- पिपासु
आज कुछ बदला- बदला मिज़ाज है दिल भी बेताब है ——————– सिसकियाँ भी खामोश हैं लफ्जों में मिठास है ———————- गूंजती जा रही है गलियों…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
नव प्रभात
रात कितनी भी घनी हो सुबह हो ही जाती है चाहे कितने भी बादल घिरे हो सूरज की किरणें बिखर ही जाती हैं अंत कैसा…
Awesome
Nice
धन्यवाद
बदला बदला सा है मिजाज, क्या बात हो गई,
शिकायत हमसे है, या किसी और से मुलाकात हो गई।
और
काश तू सुन पाता खामोश सिसकियाँ मेरी,
पूर्व की शायरियों में आ चुके प्रतिमान हैं।
आप अपनी
ईर्ष्या को शांत कीजिए अलग-अलग आईडी बनाकर मुझे परेशान मत कीजिए मैं किसी की कॉपी नहीं करता समझे
खुद ही देख लीजिए कि जो आपने लिखा है और जो मैंने लिखा है उसमें कितना अंतर है और यह कविता मैंने अभी-अभी लिखी है जो सीधे मेरे ह्रदय से निकली है यह मात्र संयोग है
मैं किसी की आलोचना करता हूं तो साथ में उसकी समालोचना भी करता हूं मैं उसकी त्रुटियों को सिर्फ इसलिए दिन आता हूं ताकि वह आगे से गलती ना करें उससे नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करता
बहुत सुंदर पंक्तियां