बीती रात मैं
बीती रात मैं तेरी यादों के
आगोश में जाने लगी
विरह की वेदना से
मन को तड़पाने लगी
आँसुओ से भीगा लतपत
तन मेरा ओर मन मेरा
सेज की सिलवट और नर्मी
रूह को जलाने लगी
और तेरी जुस्तजू
में हम लगे सिमटने
फिर तेरे होंठो की नर्मी
मुझे याद आने लगी ।
Nice one
आभार
Good
धन्यवाद
Nice
Thnks
Good
धन्यवाद
वाह बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
Nice line