भीड़ में जब कभी तुम
भीड़ में जब कभी तुम
खुद को तन्हा पाओगे,
तब हमें याद करना,
दिल में हमें पाओगे।
प्यार हो , इस तरह से
छोड़ कर न जाओ तुम
प्यार हम से अधिक
दूजे से नहीं पाओगे ।
वो मुलाकात जो
पहली थी उसे याद करो,
वे हंसी पल थे उन्हें
कैसे भुला पाओगे।
वाह बहुत ही अच्छी पंक्ति
धन्यवाद
बहुत खूब
धन्यवाद
सुंदर रचना
सादर आभार
सुन्दर रचना
धन्यवाद जी
वाह वाह क्या बात है
सादर धन्यवाद ji